प्रजातंत्र का गन्ना राजनीती की ऐसी चरखी में पिल रहा है ।
आम आदमी को चूसा हुआ छिलका, और खास को रस मिल रहा है।
नेता कोठियों में काजू और संतरी दरवाजों पर संतरे छील रहे हैं।
सबसे बड़े प्रजातंत्र में,आज भी करोड़ों बच्चे कूड़े के ढेर से प्लास्टिक के टुकड़े बीन रहे हैं।
इसी स्थिती को ऊंची दुकान फीके पकवान कहते हैं।
फिर भी हम गर्व से मेरा भारत महान कहते हैं।
Comments:
वाह वाह ।मजा आ गया
Arjun shingh
nice
Good
वाह वाह,मजा आ गया
Bilkul sahi
Gajab
Nice...
Good one
Nice
bharat mata ki jai..,
Nice ... nai hindi nai bharat🚩
Nice
nice...that true
Hmmm
Right
Good