संसद में हंगामा हो गया ,
जब अधिवेशन के दौरान,
एक सांसद का पायजामा खो गया।
विपक्ष ने शोर मचाया ,
इल्जाम सत्ता पक्ष पर आया।
जबाव में सत्ता पक्ष के सांसद उठे,
गला फाड़ कर चिल्लाने लगे -
“ये विपक्ष की साजिश है सरकार को बदनाम करने की”,
थोड़ा तो ख्याल करते संसदीय गरिमा का ,
चोरी ! वह भी पायजामे की।
चीनी , यूरिया ,चारा चरने वाले ,
क्या पायजामा लेकर अपना स्तर गिराएंगे ?
इससे अच्छा तो –
हम संसद का फर्नीचर बेच खाएंगे।
हम सत्ता धारी है मोटी मुर्गी मारते हैं ,
सैकड़ो, हजारों को छोड़िये हम करोड़ों डकारते है।
तभी उठी-
एक महिला मंत्री उबासी लेते हुए ,
जो अभी तक ऊंघ रही थी सीट पर साड़ी समेटे हुए।
ध्यान दिया तो माजरा समझ आया ,
अपना बयान कोकिल कंठ से यूँ सुनाया।
ये झूठा इल्जाम है ,
संसद को गुमराह किया जा रहा है।
पायजामा पहन कर आये नहीं ,
चोरी का नाम दिया जा रहा है।
झूठ बोलने का इतना ही शौक है,
तो -
सत्ता पक्ष में क्यों नहीं मिल जाते हो ।
विपक्ष में रह कर भी,
सरकार का दायित्वा निभाते हो।
जोश में आकर पायजामा विहीन सांसद ने कहा ,
पायजामा तो हम लाये थे संसय मात्र इतना है कि ,
पहने हुए थे या कंधे पर लटकाये थे।
क्यों कि ,
हम संसद में सीधे शौचालय से आये थे।
इसी शोर शराबे और हुल्लड़ के बीच आते हुए,
निर्दलीय सांसद ने कहा सभा अध्यक्ष से मुस्कराते हुए।
आज का सांसद कितना जागरूक बन गया है ,
कमर से खुलकर ,
टांगो से निकल कर ,
पायजामा संसद के शौचालय में टंग गया है।
महोदय को एहसास तक नहीं हुआ ,
शुक्र है परवरदिगार का ,
ये वाकया चड्डी के साथ नहीं हुआ।
By S.K. Upadhyay
Comments:
Supper se bi uper
Mja aa gaya
हाल ए संसद सत्र। करोड़ों रूपए होहल्ला के कारण हर सत्र में स्वाह।
Nic
Accha h.....
Accha h.....
Superb lines
Superb lines
It's really nice